Friday, August 30, 2013

माइ डैडी स्ट्रॉंगेस्ट

माइ डैडी स्ट्रॉंगेस्ट कहके
मुझे ओल्ड एज होमे मे छोड़ आओ..
कैसे संभाल पाओगे मुझे..
सारी दुनिया का बोझ जो तुमपे है

अम्मा भी तो नहीं हैं तुम्हारी..
उसके ताने तो मिश्री जैसे कड़वे हुआ करते थे..
अब परेशानी होती है ताने चबाने में..
डाइयबिटीस जो हो गया है..

तुम ऑफीस के काम पे ध्यान दो..
बीवी की बातों को सर आँखों पे लो..
एक्सपीरियेन्स से बोल रहा हूँ..
वेटरेन खिलाड़ी रहा हूँ इस फील्ड का..

सन्नी का फ्यूचर ब्राइट हो बस..
मेरी धुंधली आँखों को आराम दो..
तुम मेरी आँखों की फिकर क्यूँ करते हो..
उसके एजुकेशन पे ध्यान दो.. 

आजकल रिसेशन का दौर है..
और मैं अनप्रोडक्टिव आदमी ठहरा..
असेट नही अब लाइयबिलिटी बन गया हूँ..
घर की ईकोन्मी के लिए ठीक नही..

इसीलिए कह रहा हूँ बेटा..
डिसइनवेस्टमेंट का दौर है..
माइ डैडी स्ट्रॉंगेस्ट का तमगा लगाओ..
और बाज़ार में बेच डालो..

और अगर रिटर्न्स सही नहीं मिल रहे..
तो इस लाइयबिलिटी की किश्तें..
हर मुश्त ओल्ड एज होम पे पहुँचा आना.
EMI का बोझ ज़्यादा दिन नही रहेगा..

बस एक बात कहनी है बेटा..
मेरे जाने के बाद ..
मेरी आराम कुर्सी और लाठी को संभाल के रखना
मेरी अस्थि सजाने के काम आयेंगी..PS:Fathers day special 

17.06.2012

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