तेरी ज़ुल्फ़ के साये में
अगर रात गुज़र जाए
तो फिर कैसा हो ?
सुबह के जैसा हो
तेरे नूर के सजदे में
अगर तारे टिमटिमाएं
तो फिर कैसा हो ?
शमा के जैसा हो
तेरी हंसी के झोंके में
अगर हवा भी इठलाये
तो फिर कैसा हो ?
सबा के जैसा हो
तेरी रूह की झलक से
अगर रात गुज़र जाए
तो फिर कैसा हो ?
सुबह के जैसा हो
तेरे नूर के सजदे में
अगर तारे टिमटिमाएं
तो फिर कैसा हो ?
शमा के जैसा हो
तेरी हंसी के झोंके में
अगर हवा भी इठलाये
तो फिर कैसा हो ?
सबा के जैसा हो
तेरी रूह की झलक से
अगर चांदनी शरमाये
तो फिर कैसा हो ?
घटा के जैसा हो
तेरी बेवजह बातों में
अगर काम भी फंस जाए
तो फिर कैसा हो ?
घटा के जैसा हो
तेरी बेवजह बातों में
अगर काम भी फंस जाए
तो फिर कैसा हो?
वजह के जैसा हो
तेरी झील सी आँखों में
अगर बात फिसल जाए
वजह के जैसा हो
तेरी झील सी आँखों में
अगर बात फिसल जाए
तो फिर कैसा हो?
पनाह के जैसा हो
तेरे हुस्न की गर्मी में
अगर शाम पिघल जाए
तो फिर कैसा हो?
फना के जैसा हो
तेरे चेहरे की रौनक से
अगर रंग बिखर आयें
तो फिर कैसा हो ?
हिना के जैसा हो
तेरे इश्क़ के जादू में
अगर आदमी खो जाए
तो फिर कैसा हो ?
खुदाई जैसा हो
किसी के इश्क़ के पहलू में
मेरा दिल भी मचल जाए
वो फिर कैसा हो ?
तुम्हारे जैसा हो
PS:शमा:Light सबा:morning breeze
घटा:cloud पनाह:refuge
फना:death पहलू:veil हिना:mehandi
पनाह के जैसा हो
तेरे हुस्न की गर्मी में
अगर शाम पिघल जाए
तो फिर कैसा हो?
फना के जैसा हो
तेरे चेहरे की रौनक से
अगर रंग बिखर आयें
तो फिर कैसा हो ?
हिना के जैसा हो
तेरे इश्क़ के जादू में
अगर आदमी खो जाए
तो फिर कैसा हो ?
खुदाई जैसा हो
किसी के इश्क़ के पहलू में
मेरा दिल भी मचल जाए
वो फिर कैसा हो ?
तुम्हारे जैसा हो
PS:शमा:Light सबा:morning breeze
घटा:cloud पनाह:refuge
फना:death पहलू:veil हिना:mehandi